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३. नाम चर्चा

 *सूचना के अनसाि कृतिया कीतजए :

*(१) तलिका पूर्ण कीजिऐ :

* व्यक्ति और उनके बच्चे के लिए सुझाए गए नाम

व्यक्ति और उनके बच्चे के लिए सुझाए गए नाम


(२) कृति पूर्ण कीजिऐ

१)लेखक द्वारा नमों का वर्गीकरण :

• फर्मों के उपयुक्त नाम

• नेताओं के उपयुक्त नाम


२)नाम को लेकर किए गए आग्रह :

•संतान के सौंदर्य, स्वभाव के अनुरूप नामकरण

• व्यवसाय के अनुसार नामकरण


(३) कारण लिखिए:


१) चौथे मकान में रहने वाले पड़ोसी परेशान थे क्योंकि उन्हें अपने पुत्र के स्वभाव के अनुकूल नामकरण के लिए कोई नाम नहीं मिल पा रहा था |


२) लेखक को बुद्धिमान मास्टर साहब कहा गया क्योंकि उन्होंने उसके स्वभाव, आदतों को प्रदर्शित करने वाला नाम 'शोरमचावन' सुझाया


३) इससे प्रदेश के लोगों की लेखक से अधिक नहीं निभती क्योंकि दूसरे प्रदेश के लोग लेखक का पंजाबी अकखड़पन कम ही सहते हैं।


४) लेखक की बुद्धि चक्कर खा गई क्योंकि लेखक ने अपने जिस पंजाबी पड़ोसी को वेल्कम नाम उनके बेटे लिए बताया था, उन्होंने इस नाम को अपनी बिल्डिंग के लिए भी चुन लिया |


(४)दिए गए शब्दों में से उपसर्ग/प्रत्यय, मूल शब्द अलग करके लिखिए। इन्हीं शब्दों से उपसर्ग/प्रत्यययुक्त शब्द बनाइए तथा वाक्य में प्रयोग करके अपनी कॉपी में लिखिए:  


अतिरिक्त, दृष्टिहीन, प्रतिवर्ष, शिष्टता, अमूल्य, प्रभाती, असंतुष्ट, व्यावसायिक

(४)दिए गए शब्दों में से उपसर्ग/प्रत्यय, मूल शब्द अलग करके लिखिए। इन्हीं शब्दों से उपसर्ग/प्रत्यययुक्त शब्द बनाइए तथा वाक्य में प्रयोग करके अपनी कॉपी में लिखिए:


वाक्यप्रयोग :


(१) सुरुचिपूर्ण : उस महिला ने बहुत ही सुरुचिपूर्ण ढंग से खाना | बना कर उसे खिलाया था।


(२) राष्ट्रीय : रमेश को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया।


(३) अतिरिक्तता : जीवन के साधनों की अतिरिक्तता हमें गलत राह पर ले जाती है। 


(४) दृष्टिहीन : दृष्टिहीन यात्री को अपनी सीट तक पहुंचने के लिए लोगों से मदद लेनी पड़ी।



(५) प्रतिवार्षिक : अमेरिका में प्रतिव्यक्ति प्रतिवार्षिक आय सबसे अधिक है।


(६) अशिष्टता : अशिष्टता मानव को पशु बना देती है।


(७) अमूल्य : कल और संस्कृति के प्रोत्साहन में उनका योगदान असीम और अमूल्य है।


(८) सुप्रभाती : सुप्रभाती सुनने से खुशी मिलती है।


(९) असंतुष्टिः असंतुष्टि के कारण प्रायः दुखी जीवन जीते हैं। 


(१०) अव्यावसायिक :अव्यावसायिक स्वभाववाले व्यक्ति व्यवसाय में सफलता नहीं प्राप्त क्र पाते।


अभिव्यक्ति

"व्यक्ति की पहचान नाम से नहीं, गुणों से होती है इस विचार को स्पष्ट कीजिए।


यद्यपि किसी ने कहा है- 'यथा नाम तथा गुण:' इसके कारण लोग अपनी अपनी संतानों के अच्छे नाम रखते है। परंतु यह कथन गलत है। कुछ लोग अपनी अपनी संतानों के नाम कुछ भी रखते है जैसे - हरिषचन्द्र नाम का व्यक्ति वास्तविक जीवन में भी सत्यवादी न हो। किसी भी व्यक्ति की पहचान उसकी नाम से नहीं उसके गुणों से होती है। प्रत्येक व्यक्ति में कुछ विशेष गुण या विशेषताएं होती है। जो दूसरे व्यक्ति में नहीं होतीं। इन्हीं गुणों एवं विशेषताओं के कारण ही प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे से भिन्न होता है। व्यक्ति के इन गुणों का समुच्चय ही व्यक्ति का व्यक्तित्व कहलाता है। व्यक्ति समाज में अपने सुंदर नाम से नहीं तो वह समाज में अपने कर्मों से जाना जाता है।


भाषा बिंदु

(१) कोष्ठक की सूचना के अनुसार निम्न वाक्य का काल परिवर्तन कीजिए |

• आवाज अवरुद्ध होती जा रही थी। (सामान्य भूतकाल )

उत्तर - आवाज अवरुद्ध हो गई ।

• मेम साहब को परदे पसंद आए थे। (पूर्ण वर्तमानकाल )

उत्तर - मेम साहब को परदे पसंद आए हैं ।

• मानव व्यक्तित्व के समान ही उसकी वाणी का निर्माण दोहरा होता है। (सामान्य भविष्यकाल)

उत्तर - मानव व्यक्तित्व के समान ही उसकी वाणी का निर्माण दोहरा होगा |

•एक साथ काम पर आएँगे और एक साथ वापस घर लौटेंगे। (पूर्ण भविष्यकाल)

उत्तर - एक साथ काम पर आ चुके होंगे और एक साथ वापस लौटे चुके होंगे |

• आप इन दिनों फ्लाबेर के पत्र पढ़ रहे हैं। (पूर्ण भूतकाल )

उत्तर - आप इन दिनों फ्लाबेर के पत्र पढ़ते थे |

• बस्ती के लिए यह तूफान प्रलय बनकर आया था।(अपूर्ण भूतकाल )

उत्तर -बस्ती के लिए यह तूफान प्रलय बनकर आ रहा था

• मैं घर में रहकर तुम्हारे सब कामों में बाधा डालूँगी ।(अपूर्ण वर्तमानकाल)

उत्तर- मैं घर में रहकर तुम्हारे सब कामों में बाधा डाल रही हूं

• मैं एक चीज पर लिखना शुरू करती हूँ। (अपूर्ण भविष्यकाल)

उत्तर- मैं एक चीज पर लिखना शुरू कर रही हूँगी | 


(२) आकृति में दिए गए वाक्य का काल पहचानकर निर्देशानुसार काल परिवर्तन कीजिए:

(२) आकृति में दिए गए वाक्य का काल पहचानकर निर्देशानुसार काल परिवर्तन कीजिए:


उपयोजित लेखन


निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर उसपर आधारित ऐसे पाँच प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर एक-एक वाक्य में हों :


       महर्षि कर्वे १०५ वर्ष तक जीवित रहे। जब देश भर में उनकी जन्म शताब्दी मनाई गई तो मुंबई की एक सभा में नेहरू जी ने कहा था, “आपके जीवन से प्रेरणा और स्फूर्ति प्राप्त होती है। आपका जीवन इस बात की बेमिसाल कहानी है कि एक मानव क्या कर सकता है। मैं आपको बधाई देने नहीं आया वरन आपसे आशीर्वाद लेने आया हूँ।"


       भारतरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था, "डॉ. कर्वे का जीवन इस बात का ज्वलंत प्रमाण है कि दृढ़ धारणावाला साधारण व्यक्ति भी सर्वथा विपरीत परिस्थितियों में भी महान कार्य कर सकता है।"


       अण्णा साहब उन इक्के-दुक्के व्यक्तियों में से थे जो एक बार निश्चय कर लेने पर असाध्य कार्य को सिद्ध करने में लग जाते और उसे पूरा करके दिखा देते। भारत सदा से महान पुरुष रत्नों की खान रहा है और डॉ. कर्वे उन समाज सुधारकों में से थे जिन्होंने किसी सिद्धांत को पहले अपने जीवन में उतारकर उसे क्रियात्मक रूप दिया। हम प्रायः भाग्य को कोसा करते हैं और धन की कमी की शिकायत किया करते हैं परंतु यह उस व्यक्ति की कहानी है जो गरीब घर में पैदा हुआ, बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर स्वयं पढ़ाई की और इस अकेले व्यक्ति ने 'भारतीय महिला विद्यापीठ' की स्थापना की।


प्रश्न :


१. महर्षि कर्वे कितने वर्षों तक जीवित रहे?


२. महर्षि कर्वे के विषय में पंडित नेहरूजी ने क्या कहा था?


३. महर्षि कर्वे के विषय में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने क्या कहा था?


४. डॉ. कर्वे की गणना किन समाज सुधारकों में की जाती है?


५. डॉ. कर्वे ने किस विद्यापीठ की स्थापना की?


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